Title: Shivagami Katha
Bahubali Khanda 1: The Rise Of Sivagami
Publisher: Westland/Yatra
No. of pages: 560 pages
Language: Hindi
Format: Kindle
Edition
Price:
Kindle edition-Hindi (amazon.in):₹ 49.00
Kindle edition-English (amazon.in): ₹ 170.05
Paperback-Hindi edition (amazon.in):₹ 185.00
Paperback-English edition (amazon.in):₹ 179.00
About the
Author
आनंद नीलकंठन असुरा: टेल ऑफ़
द वेंक्विशड के सफलतम रचनाकार हैं, जिसमें रामायण की कथा को रावण के विशिष्ट
द्रष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है| इसके बाद उनकी अति लोकप्रिय अजेय श्रँखला
आयी| अजेय बुक 1: रोल ऑफ़ द डाइस और अजेय बुक 2: राइज ऑफ़ कलि में महाभारत का वर्णन
दुर्योधन के नज़रिये से किया गया है| असुरा: टेल ऑफ़ द वेंक्विशड और अजेय बुक 1: रोल
ऑफ़ द डाइस को क्रमशः 2013 व 2014 में क्रोसवर्ड पोपुलर चोइस अवार्ड के लिए नामित
किया गया|
आनंद ने कई जाने-माने टीवी
धारावाहिकों की पटकथा भी लिखी है| स्टार टीवी पर सिया के राम, सोनी टीवी पर महाबली
हनुमान और कलर्स टीवी पर चक्रवर्ती सम्राट अशोक इनमें से प्रमुख हैं| आनंद नीलकंठन
द हिन्दू, द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और द इंडियन एक्सप्रेस के लिए भी लिखते रहे हैं| अंग्रेजी
के अलावा आनंद नीलकंठन मलयालम में भी रचनाएं लिखते हैं| मलयालम भाषा की विभिन्न
पत्रिकाओं में आनंद की कहानियाँ एवं कार्टून प्रकाशित हुए हैं|
About the
Book
पांच वर्ष की
अल्पायु में जब शिवगामी ने अपनी आखों से देखा कि माहिष्मती के सम्राट ने उसके पिता
को राजद्रोही घोषित कर म्रत्यु का आदेश दिया है, तभी उसने प्रतिज्ञा कर ली कि एक
दिन वह इस साम्राज्य का सर्वनाश कर देगी| सत्रह वर्ष की आयु में उसने विशीर्ण होते
अपने पैतृक महल से उस हस्तलिखित पुस्तक को खोज निकाला| पैशाची नामक विलक्षण भाषा
में लिखी इस पाण्डुलिपि में वह रहस्य छिपा था जो उसके पिता का खोया सम्मान वापस ले
आता या फिर उन्हें दोषी करार देता|
इसी बीच, अपने
कर्तव्यों पर आंख मूंदकर विश्वास करने वाला स्वाभिमानी एवं आदर्शवादी नौजवान कटप्पा
स्वयं को एक विलासी राजकुमार की सेवा में पाता है| साथ ही, उस पर अपने छोटे भाई को
भी संकट से बचाने का भार है, जो अपनी सामाजिक स्थिति से क्रुद्ध हो गुलामी से
मुक्ति के लिए लालायित रहता है|
जैसे ही
शिवगामी उस पाण्डुलिपि के रहस्य से पर्दा उठाने का प्रयास करती है, वह पाती है कि
माहिष्मती का साम्राज्य षड्यंत्रकारियों, क्रांतिकारियों, भ्रष्ट अधिकारीयों और
राजमहल के भीतर साजिश रचने वालों से घिरा हुआ है| एक महत्वाकांक्षी सामंत सत्ता
एवं धन के लिए कुछ भी करने को तैयार है| लड़ाकों का एक गुप्त दल भी है, जो एक सत्तर
वर्षीय वृद्धा के नेत्रत्त्व में गुलामों के व्यापार को रोकने के लिए द्रढ़ संकल्प
है| वहीँ, तीन सौ वर्ष पूर्व पवित्र पर्वत से निष्कासित किये जाने से क्रुद्ध एक
कबीला सम्राट के विरुद्ध युद्ध का उद्घोष करने की तैयारी में जुटा है|
असुरा: टेल ऑफ़ द वेंक्विशड,
रोल ऑफ़ द डाइस और राइज ऑफ़ कलि जैसी रचनाओं के सफल लेखक आनंद नीलकंठन द्वारा लिखित
शिवगामी कथा विचलित कर देने वाले षड्यंत्रों और कभी न भूलने वाले किरदारों से भरी
है| साजिश एवं सत्ता, प्रतिशोध एवं विश्वासघात की दिलचस्प गाथा शिवगामी कथा एस.एस.
राजामौली की ब्लॉकबस्टर फिल्म बाहुबली की उत्कृष्ट पूर्व-गाथा है|
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Product
details
- Format: Kindle Edition
- File Size: 4752 KB
- Print Length: 560 pages
- Publisher: Westland/Yatra (25 April 2017)
- Sold by: Amazon Asia-Pacific Holdings Private Limited
- Language: Hindi
- ASIN: B071R4DTWK
- Word Wise: Not Enabled
- Customer Reviews: 65 customer reviews
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