प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता (भाग-5)

नमस्ते दोस्तों! मेरा नाम है अँकुर सक्सेना! मैं एक लेखक, कंप्यूटर प्रोग्रामर, वेब डेवलपर, सेल्फ पब्लिशर और ब्लॉगर हूँ| मैं इतिहास, भूगोल, भारतीय राजनीति, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और तकनीकी से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर अपनी स्वयं की R&D और लेखन कार्य करता हूँ| जिनमें से कुछ को मैं अपनी इस ब्लॉगिंग वेबसाइट के माध्यम से प्रकाशित करता हूँ|


आज के इस लेख में हम प्राचीन मिस्त्र पर शासन करने वाली तीन सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली महिला शासिकाओं अर्थात् हत्सेप्सुत, नेफरतिति तथा क्लियोपैट्रा के बारे में चर्चा करेंगे और उनसे सम्बन्धित विभिन्न तथ्यों का अध्ययन करेंगे|


तो आइये दोस्तों! प्रारम्भ करते हैं, प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता की श्रृंखला का भाग-5...


वैसे तो अगर प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता के इतिहास का गहरायी से अध्ययन किया जाये, तो देखने को मिलता है कि प्राचीन मिस्त्र की महान सभ्यता पर सर्वाधिक महिला फैरो ने शासन किया था और वह भी सफलतापूर्वक| परन्तु, फिर ऐसे क्या कारण रहे कि इन महान महिला फैरो को प्राचीन मिस्त्र के इतिहास से निकाल दिया गया| प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता के इतिहास का अध्ययन करने से इस बात के विषय में भी पता चलता है कि उस काल के कुछ पुरुष फैरो के द्वारा इन महान महिला शासिकाओं के नाम को प्राचीन मिस्त्र के इतिहास से मिटाने के अथक प्रयास किये गए थे|


परन्तु, हमारे कुछ आधुनिक आर्किओलोजिस्ट, इतिहासकारों, लेखकों तथा अध्ययनकर्ताओं के द्वारा मिस्त्र के विभिन्न स्थानों पर किये गये खोज एवं खुदाई कार्यों तथा वहां से प्राप्त किये गए साक्ष्यों और विभिन्न प्रकार की सामग्री के अध्ययन के आधार पर किये गए लेखन कार्यों ने प्राचीन मिस्त्र की महान सभ्यता की कुछ महान एवं शक्तिशाली महिला शासिकाओं को दुनिया के सामने ला दिया है| प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता की महिला शासिकाओं के ऊपर अभी भी कई अध्ययन किये जा रहे हैं, जिनसे इन महिला शासिकाओं से सम्बन्धित और भी तथ्य और जानकारियाँ दुनिया के सामने आयेंगी|


प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता की महिला शासिकाओं से सम्बन्धित इतिहास अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध नहीं है| प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता की इन महिला शासिकाओं का जितना भी इतिहास उपलब्ध है, उसमें प्राचीन मिस्त्र की तीन सर्वाधिक प्रसिद्ध और शक्तिशाली महिला शासिकाओं हत्सेप्सुत, नेफरतिति और क्लियोपैट्रा से सम्बन्धित जानकारियों तथा तथ्यों को लेकर लेखकों और इतिहासकारों के बीच में काफी मतभेद हैं|


प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता की प्रथम सर्वाधिक शक्तिशाली और महानतम महिला शासिका अर्थात् महिला फैरो के रूप में प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता के इतिहास में यदि किसी का नाम आता है, तो वह है, हत्सेप्सुत का| हत्सेप्सुत के विषय में कहा जाता है कि उन्होंने प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य पर एक पुरुष फैरो की भांति शासन किया था| वह एक नकली दाढ़ी और पुरुषों की भांति वस्त्र पहनकर शासन किया करती थीं| हत्सेप्सुत के टूटकर गिरे एक ओबिलिस्क के एक भाग पर उत्कीर्ण लिपि का अध्ययन करने से ज्ञात हुआ है कि हत्सेप्सुत स्वयं को प्राचीन मिस्त्र के देवता अमुन की बेटी मानती थीं तथा उन्होंने प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य पर भगवान् अमुन की संतान एवं प्रतिनिधि के रूप में शासन किया था|


Hatshepsut Offering


 हत्सेप्सुत का शासनकाल, प्राचीन मिस्त्र के इतिहास में महान निर्माणों, स्थापत्य कला एवं युद्धों के काल के रूप में भी जाना जाता है| हत्सेप्सुत ने अपने शासनकाल में महत्तावाकांशी निर्माण परियोजनाएं प्रारम्भ कीं, विशेष रूप से थेब्स (Thebes) के आसपास के क्षेत्र में| हत्सेप्सुत की सबसे बड़ी उपलब्धि प्राचीन मिस्त्र के वास्तुशिल्प के चमत्कारों में से एक माने जाने वाले दीर-एल-बहरी में उनका एक विशाल स्मारक मन्दिर / मुर्दाघर मन्दिर था|


 प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता के इतिहास की दूसरी सर्वाधिक प्रसिद्ध एवं महान महिला फैरो नेफरतिति को माना जाता है| उनके विषय में कहा जाता है कि वह बेहद ख़ूबसूरत महिला फैरो थीं| इस बात की जानकारी हमें अमरना, मिस्त्र से वर्ष 1912 में खोजे गए नेफरतिति बस्ट (Nefertiti Bust) से प्राप्त होती है| इस बस्ट को जर्मन ओरिएण्टल सोसाइटी (German Oriental Society) द्वारा खोजा गया था| इस महान एवं प्रसिद्ध बस्ट का निर्माण 1345 BC में प्राचीन मिस्त्र के महान फैरो थुत्मोसे (Pharaoh Thutmose) के द्वारा करवाया गया था| यह प्रसिद्ध बस्ट वर्तमान समय में Neues Museum Berlin, Germany में स्थित है|


 नेफरतिति बस्ट (Nefertiti Bust), प्राचीन मिस्त्र के सर्वाधिक कॉपी किये गये कार्यों में से एक है| नेफरतिति, प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य के फैरो अखेनातेन (Pharaoh Akhenaten) की महान शाही पत्नी (Great Royal Wife) थीं| नेफरतिति, प्राचीन विश्व की सर्वाधिक शक्तिशाली और खुबसूरत महिलाओं में से एक के रूप में स्थापित हैं और स्त्री सौंदर्य का प्रतीक हैं| नेफरतिति बस्ट (Nefertiti Bust) की अनेकों प्रतियाँ, विश्व के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं| जिनमें से नेफरतिति बस्ट (Nefertiti Bust) की एक प्रति को हम लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित स्टेट म्यूजियम (State Museum) की इजिप्शियन आर्ट गैलरी में देख सकते हैं| लखनऊ स्थित स्टेट म्यूजियम (State Museum) की इजिप्शियन आर्ट गैलरी का प्रमुख आकर्षण वहाँ पर रखी प्राचीन मिस्त्र की एक ममी है|


प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य पर सफलतापूर्वक शासन करने वाली तीसरी महानतम और सर्वाधित महिला शासिका फैरो क्लियोपैट्रा सप्तम थीं| इन्हें प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य पर शासन करने वाले अन्तिम फैरो के रूप में जाना जाता है| ऐसा मन जाता है कि, क्लियोपैट्रा ने मार्क एंटोनी के द्वारा आत्महत्या कर लेने के बाद, अपने लिए किसी गुप्त स्थान पर बनवाये गए मकबरे में सांप जैसे किसी जहरीले जन्तु से स्वयं को कटवाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी| उनके लापता मकबरे की खोज, वर्तमान समय में अंडर वाटर आर्कियोलोजी से जुड़े हुए कई आर्कियोलोजिस्ट एवं अध्ययनकर्ताओं के द्वारा, समुद्र की गहराइयों में की जा रही है|


तो आइये, प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता की इन तीन सर्वाधिक प्रसिद्ध, महान तथा शक्तिशाली, महिला फैरो के बारे में विस्तारपूर्वक से अध्ययन करते हैं...


फैरो हत्सेप्सुत (Pharaoh Hatsepsut)


हत्शेप्सुत
, प्राचीन मिस्त्र साम्राज्य पर शासन करने वाली कुछ महान तथा शक्तिशाली महिला फैरो अर्थात महिला शासकों में से एक थीं| प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य पर इनके शासनकाल की अवधी 1473-1458  ई०पू० के बीच की थी| हत्शेप्सुत, प्राचीन मिस्त्र के नवीन साम्राज्य के अट्ठारहवें राजवंश की फैरो थीं|




Hatsepsut

  उन्होंने 1473  ई०पू० में स्वयं को फैरो घोषित किया था|  वह फैरो थुतमोस प्रथम की बेटी थीं और थुतमोस द्वितय की पत्नी थीं, जोकि उनके सौतेले भाई थे| जब 1473 ई०पू० में उनके पति थुतमोस द्वितय की मृत्यु हो गयी, तब हत्शेप्सुत ने थुतमोस द्वितय के पुत्र थुतमोस तृतीय, को शासन के लिए बहुत छोटा बताकर खुद को फैरो घोषित कर दिया| उन्होनें प्राचीन मिस्त्र पर लगभग 20 वर्षों तक सफलतापूर्वक शासन किया| हत्शेप्सुत ने स्वयं को एक पुरुष की तरह से और एक नकली दाढ़ी के साथ मूर्तियों और चित्रों में प्रदर्शित किया|

वह एक नकली दाढ़ी और पुरुषों की भांति वस्त्र पहनकर शासन किया करती थीं| हत्सेप्सुत के टूटकर गिरे एक ओबिलिस्क के एक भाग पर उत्कीर्ण लिपि का अध्ययन करने से ज्ञात हुआ है कि हत्सेप्सुत स्वयं को प्राचीन मिस्त्र के देवता अमुन की बेटी मानती थीं तथा उन्होंने प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य पर भगवान् अमुन की संतान एवं प्रतिनिधि के रूप में शासन किया था| हत्शेप्सुत ने जोर देते हुए कहा कि, मेने उन की आज्ञा के अधीन काम किया, यह वह था, जिस के लिए मेने  मिस्त्र का नेतृत्व किया|


हत्सेप्सुत का शासनकाल, प्राचीन मिस्त्र के इतिहास में महान निर्माणों, स्थापत्य कला एवं युद्धों के काल के रूप में भी जाना जाता है| हत्सेप्सुत ने अपने शासनकाल में महत्तावाकांशी निर्माण परियोजनाएं प्रारम्भ कीं, विशेष रूप से थेब्स (Thebes) के आसपास के क्षेत्र में| हत्सेप्सुत की सबसे बड़ी उपलब्धि प्राचीन मिस्त्र के वास्तुशिल्प के चमत्कारों में से एक माने जाने वाले दीर-एल-बहरी में उनका एक विशाल स्मारक मन्दिर / मुर्दाघर मन्दिर था| हत्शेप्सुत की 1458 ई०पू० में मृत्यु के बाद उनके पुत्र थुतमोस तृतीय ने फैरो के रूप में मिस्त्र का सिंघासन ग्रहण किया|


Hatshepsut Temple


बचपन में थुतमोस तृतीय पिता की मृत्यु के बाद हत्सेप्सुत के द्वारा थुतमोस तृतीय के प्रति किये गए व्यवहार तथा थुतमोस तृतीय के स्थान पर स्वयं को मिस्त्र का फैरो घोषित करने की घटनाओं ने थुतमोस तृतीय के मन में गलत विचारों को जगह दी थी| सम्भवतः यही एक प्रमुख कारण था, जिसकी वजह से थुतमोस तृतीय ने अपने शासनकाल में हत्सेप्सुत के द्वारा निर्मित कराये गए विभिन्न स्थानों एवं स्मारक मन्दिर से हत्सेप्सुत की कई मूर्तियों, प्रतीक चिन्हों एवं अन्य साक्ष्यों को नष्ट करवाके, हत्सेप्सुत के नाम को प्राचीन मिस्त्र के इतिहास से मिटाने का प्रयत्न किया गया था, जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रहा था|


परन्तु, वर्तमान समय के कुछ आधुनिक आर्कियोलोजिस्ट, इतिहासकारों, अध्ययनकर्ताओं, लेखकों, आदि के द्वारा प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता से सम्बन्धित की गयी खोजों तथा लेखन कार्यों के आधार पर हमें प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता की इस शक्तिशाली महिला फैरो के विषय में पता चल सका है|

 


फैरो नेफरतिति (Pharaoh Nefertiti)


नेफरतिति, प्राचीन मिस्त्र की सर्वाधिक प्रसिद्ध महिला फैरो में से एक थीं| ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपने पति अखेनातेन के साथ मिलकर मिस्त्र के नवीन साम्राज्य के अट्ठारहवें राजवंश के काल में 1370-1338 ई०पू०तक सफलतापूर्वक शासन किया था| पुरातत्वविदों एवं इतिहासकारों के द्वारा इनके शासनकाल पर किये गए गहन अध्ययन और शोध के बाद अब यह ज्ञात है कि नेफरतिति अपने शासनकाल के अन्त तक जीवित रही थीं|


Nefertiti-Bust-Berlin

ऐसा माना जाता है कि फैरो तुतनखामुन या राजा तुत, फैरो अखेनातेन और नेफरतिति के पुत्र थे| परन्तु, इस विषय को लेकर पुरातत्ववेत्ताओं और इतिहासकारों में काफी सारे मतभेद हैं और अभी भी इसे लेकर शोध-कार्य किये जा रहे हैं| हाल ही में हुए कुछ DNA Tests के आधार पर वर्तमान में काइरो के इजिप्शियन संग्राहलय में रखी हुई The Younger Lady की ममी को तुतनखामुन की माँ के तौर पर पहचाना गया है| The Younger Lady की ममी को 1898 में पुरातत्वविद विक्टर लौरेट के द्वारा वैली ऑफ़ किंग्स अर्थात् राजाओं की घाटी में मकबरा संख्या KV-35 के अन्दर से खोजा गया था|


नेफरतिति के विषय में कहा जाता है कि वह बेहद ख़ूबसूरत महिला फैरो थीं| इस बात की जानकारी हमें अमरना, मिस्त्र से वर्ष 1912 में खोजे गए नेफरतिति बस्ट (Nefertiti Bust) से प्राप्त होती है| इस बस्ट को जर्मन ओरिएण्टल सोसाइटी (German Oriental Society) द्वारा खोजा गया था| इस महान एवं प्रसिद्ध बस्ट का निर्माण 1345 BC में प्राचीन मिस्त्र के महान फैरो थुत्मोसे (Pharaoh Thutmose) के द्वारा करवाया गया था| यह प्रसिद्ध बस्ट वर्तमान समय में Neues Museum Berlin, Germany में स्थित है|


 नेफरतिति बस्ट (Nefertiti Bust), प्राचीन मिस्त्र के सर्वाधिक कॉपी किये गये कार्यों में से एक है| नेफरतिति, प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य के फैरो अखेनातेन (Pharaoh Akhenaten) की महान शाही पत्नी (Great Royal Wife) थीं| नेफरतिति, प्राचीन विश्व की सर्वाधिक शक्तिशाली और खुबसूरत महिलाओं में से एक के रूप में स्थापित हैं और स्त्री सौंदर्य का प्रतीक हैं|


नेफरतिति बस्ट (Nefertiti Bust) की अनेकों प्रतियाँ, विश्व के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं| जिनमें से नेफरतिति बस्ट (Nefertiti Bust) की एक प्रति को हम लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित स्टेट म्यूजियम (State Museum) की इजिप्शियन आर्ट गैलरी में देख सकते हैं| लखनऊ स्थित स्टेट म्यूजियम (State Museum) की इजिप्शियन आर्ट गैलरी का प्रमुख आकर्षण वहाँ पर रखी प्राचीन मिस्त्र की एक ममी है|


कुछ इतिहासकारों एवं पुरातत्वविदों का ऐसा भी मत है कि काइरो, मिस्त्र स्थित इजिप्शियन संग्राहलय में रखी हुयी The Younger Lady की ममी, सम्भवतः नेफरतिति की ही है| डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित होने वाले प्रसिद्ध टीवी शो एक्सपीडिशन अननोन के होस्ट जोश गेट्स ने अपनी टीम के साथ The Younger Lady की ममी के चेहरे का पुनर्निर्माण, आधुनिक तकनीकी और कलात्मकता का उपयोग करके करवाया गया था| इस चेहरे का निर्माण पेलियोआर्टिस्ट Daylisabeth Daynes के द्वारा किया गया था|




फैरो क्लियोपैट्रा सप्तम (Pharaoh Cleopatra VII)


क्लियोपैट्रा
सप्तम
, प्राचीन मिस्त्र के प्टोलेमिक साम्राज्य की फैरो थीं| उन्होंने प्राचीन मिस्त्र पर 51-30 ई०पू० के काल के मध्य शासन किया था| वह मिस्त्र की प्रभावशाली महिलाओं में से एक थीं| क्लियोपैट्रा सप्तम, प्राचीन मिस्त्र की अन्तिम फैरो थीं| वह मिस्त्र के प्टोलेमिक शासकों की परम्परा से आती थीं| उनका पूरा नाम क्लियोपैट्रा सप्तम सियाफ्योर पैटर्न था|

Cleopatra-VII

क्लियोपैट्रा सप्तम का जन्म 69 ई०पू० में मिस्त्र के अलेक्जेंड्रिया में हुआ था| उनके पिता प्टोलोमी 12 तथा माता क्लियोपैट्रा 5 थीं| क्लियोपैट्रा सप्तम ने नेपोलियन की मृत्यु के बाद हैलोनिकल काल में प्राचीन मिस्त्र पर शासन किया था| प्टोलेमिक शासक, मिस्त्र में अपने शासनकाल केदौरान ग्रीक भाषा का इस्तेमाल किया करते थे| इतना ही नहीं, उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में मिस्त्र की भाषा को प्रयोग करने से मना कर दिया था| परन्तु, क्लियोपैट्रा सप्तम ने मिस्त्र की भाषा को बोलना सीखा एवं अपने शासनकाल में मिस्त्र की भाषा का प्रयोग प्रशासनिक कार्यों और सामान्य बोलचाल में किया|


क्लियोपैट्रा सप्तम, स्वयं को मिस्त्र की देवी इसिस का अवतार मानती थीं| उन्होंने सदैव किसी किसी के साथ मिलकर संयुक्त रूप से मिस्त्र पर शासन किया| प्रारम्भ में अपने पिता प्टोलेमी 12 के साथ और बाद में अपने भाइयों के साथ| उन्होंने प्राचीन मिस्त्र में पुराने समय से चली रही परम्परा के अनुसार, अपने भाइयों से ही विवाह किया|


क्लियोपैट्रा
सप्तम
ने विवाह के बाद भी मिस्त्र की सत्ता पर और मिस्त्र के समाज पर अपना प्रभाव कम नहीं होने दिया| उन्होंने रोमन सेनापति जुलियस सीज़र के साथ सम्बन्ध बनाए, जिससे मिस्त्र के सिंघासन पर उनकी पकड़ और अधिक मजबूत हो गयी| बाद में उन दोनों के एक पुत्र भी हुआ, जिसका नाम, सीज़िरियन था|







जुलियस सीज़र की हत्या के बाद क्लियोपैट्रा सप्तम ने 44 ई०पू० में मार्क एंटोनी के साथ प्रेम सम्बन्ध स्थापित किये| जोकि, जुलियस सीज़र के क़ानूनी उत्तराधिकारी ओक्टोबियन के विरोधी थे| मार्क एंटोनी और क्लियोपैट्रा सप्तम के दो जुड़वाँ बच्चे हुए, जिनके नाम सेलीन द्वितय एवं एलेग्जेंडरएलिसन थे| बाद में उन दोनों का एक पुत्र और हुआ, जिसका नाम टाइटल ओंमीफ्लडएक्स रखा गया| मार्क एंटोनी के द्वारा आत्महत्या कर लेने के बाद क्लियोपैट्रा सप्तम ने भी आत्महत्या कर ली थी|

Cleopatra-Bust

क्लियोपैट्रा सप्तम की मृत्यु के बाद मिस्त्र साम्राज्य, ‘रोमनशासकों के अधीन हो गया| क्लियोपैट्रा सप्तम के बारे में कहा जाता है कि वह कई भाषाओँ में बात कर सकती थीं| उनकी चतुराई से कई रोमन जनरल उनके आश्रित और प्रिय-पात्र हुए| मार्क एंटोनी के साथ विवाह के बाद उन्होंने अपने संयुक्त सिक्के भी चलवाए थे|


क्लियोपैट्रा सप्तम साहित्य जगत में इतनी लोकप्रिय हुईं कि विभिन्न भाषाओँ के साहित्यकारों ने उन्हें अपनी रचनाओं में मुख्य भूमिका में चित्रित किया| अंग्रेजी क्लासिक साहित्य के विलियम शेक्सपियर, ड्राइडन और बर्नाड शॉ जैसे साहित्यकारों ने अपने नाटकों को उनके व्यक्तित्त्व से संवारा है|


जनश्रुतियों
के अनुसार, क्लियोपैट्रा ने मार्क एंटोनी के द्वारा आत्महत्या कर लेने के पश्चात् अपने लिए किसी गुप्त स्थल पर बनवाए गए मकबरे में सांप जैसे किसी डंक मारने वाले किसी जहरीले जंतु से स्वयं को कटवाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी थी| उनके मकबरे की खोज आज भी जारी है| वर्तमान समय में अंडर वाटर आर्कियोलोजी से जुड़े हुए कई आर्कियोलोजिस्ट एवं अध्ययनकर्ता समुद्र की गहराईयों में प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्य की अन्तिम फैरो क्लियोपैट्रा के गुप्त मकबरे की खोज कर रहे हैं|



दोस्तों, आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह लेख अवश्य पसन्द आया होगा| यदि आपको मेरा यह लेख अच्छा लगा हो, तो कृपया पेज के ऊपर दिए गए Enter  your email address में अपनी ईमेल आईडी के द्वारा मेरे ब्लोग्स को सब्सक्राइब करें| जिससे कि आपको मेरी ब्लॉगर वेबसाइट पर प्रकाशित होने वाले किसी भी लेख की जानकारी ईमेल के माध्यम से सबसे पहले प्राप्त हो सके| और कृपया मेरे इस लेख के लिंक को अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर कीजिये| अगर आपके इस लेख से सम्बन्धित कुछ सुझाव हैं, तो आप कमेंट्स के माध्यम से लेख के अन्त में उन्हें प्रकट कर सकते हैं| इस लेख को लिखते समय, यदि मुझसे प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता से सम्बन्धित किसी प्राचीन पात्र, घटना अथवा कालक्रम आदि का वर्णन करने में कोई त्रुटि रह गयी हो, तो उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ|


तो दोस्तों
! अभी के लिए इस लेख में बस इतना ही, जल्द मिलते हैं, एक नए लेख के साथ| तब तक के लिए खुश रहिये, सुरक्षित रहिये, स्वस्थ रहिये और पढ़ते रहिये|




References

Ancient Egypt by David Silverman
Ancient Egypt
प्राचीन मिस्र
Giza pyramid complex
Egyptian pyramids
Sphinx
Egyptian Mummies
Old Kingdom of Egypt
Fourth Dynasty of Old Kingdom
Pharaohs
5 Great Female Rulers of Ancient Egypt
When Women Ruled the World: Six Queens of Egypt by Kara Cooney
travelchannel.com
Hatshepsut - HISTORY