प्रथम लेख की प्रकाशन तिथि:
16 August - 17 August, 2020
नमस्ते दोस्तों,
मैं अँकुर सक्सेना! आपका स्वागत करता हूँ, “प्राचीन
मिस्त्र की सभ्यता” की अपनी इस श्रृंखला के घोषणा सम्बन्धी लेख में| इस श्रृंखला
में हम अध्ययन करेंगे, प्राचीन मिस्त्र की उस महान सभ्यता की, जोकि अपने समय की महानतम,
विकसित और समृद्ध सभ्यताओं में से एक थी| “प्राचीन मिस्त्र सभ्यता” अपने उत्क्रष्ट
स्मारकों, पिरामिडों एवं स्थानों और अपने शासकों और उनकी संस्कृति, आदि कारणों से
बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपनी ओर आकर्षित करती है| लोगों में इस सभ्यता के
प्रति, इससे सम्बन्धित जानकारियों को प्राप्त के प्रति, एक अलग प्रकार की उत्सुकता
और जिज्ञासा देखने को मिलती है|
इतिहासकारों, पुरातत्त्ववेत्ताओं, विद्वानों एवं विद्यार्थियों
द्वारा काफी समय पहले से इस महान प्राचीन सभ्यता पर अनेकों अध्ययन एवं अन्वेषण
कार्य किये जाते रहे हैं| जिसके परिणामस्वरूप इस प्राचीन सभ्यता से जुड़े हुये काफी
सारे अवशेष एवं तथ्य प्राप्त किये गए हैं और इनसे हमें इस प्राचीन सभ्यता के विषय
में कई रोचक और महत्तवपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त हुयी हैं| आने वाले समय में भी
इस महान प्राचीन सभ्यता से सम्बन्धित अनेकों अध्ययन एवं अन्वेषण कार्य किये
जायेंगे, जिसके फलस्वरूप “प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता” से जुड़े हुये नवीन तथ्य एवं
जानकारियां दुनियाँ के सामने आयेंगी|
“प्राचीन मिस्त्र सभ्यता” की प्रसिद्धि के अनेकों
कारण हैं, जिसमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1. नील नदी का उपहार
2. इस सभ्यता की अनोखी संस्कृति
3. अनोखे रीति-रिवाज़
4. देवी-देवता
5. अनोखी एवं विकसित स्थापत्य कला
6. विकसित नगर निर्माण कला
7. शासकों अर्थात् “फैरो” का शासनकाल
8. इस महानतम प्राचीन सभ्यता पर सर्वाधिक शासन करने
वाली “महिला शासिकायें” अर्थात् “महिला फैरो”
9. इन महान “फैरो” द्वारा निर्मित करवाए गये स्मारक,
पिरामिड, स्फिन्क्स, आदि
10. इस सभ्यता की अनोखी लिपि एवं चित्रकला
11. आफ्टर लाइफ एवं ममीकरण
वैसे तो, प्रत्येक व्यक्ति की अपनी-अपनी रूचि होती
हैं| किसी व्यक्ति को एक विषय में रूचि होती है, तो किसी व्यक्ति को दूसरे विषय
में रूचि होती है| परन्तु, “प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता” एक ऐसा विषय है, जो
प्रत्येक व्यक्ति को सामान रूप से अपनी विशेषताओं के कारण से अपनी ओर आकर्षित करता
है|
जिस तरह से मुझे इस प्राचीन सभ्यता के अध्ययन और R&D
के लिए प्रेरित किया, दो कारणों ने| पहला, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त
विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से इतिहास के क्षेत्र में एम०ए० के अध्ययन के प्रथम वर्ष
में पढ़ी गयी पुस्तकों में प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता पर आये एक अध्याय ने| दूसरा और
सबसे महत्तवपूर्ण कारण, जिसने मुझे इस महानतम प्राचीन सभ्यता पर अपनी स्वयं की R&D
और अध्ययन कार्य करने के लिए प्रेरित किया, वह इस महानतम प्राचीन सभ्यता पर
सर्वाधिक शासन करने वाली “महिला शासिकायें” अर्थात् “महिला फैरो” और उनका अद्भुत
शासनकाल था|
प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता के स्थानों से प्राप्त
हुये कुछ अवशेषों आदि का अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि प्राचीन मिस्त्र के कुछ “पुरुष
फैरो” के द्वारा मिस्त्र के इतिहास से इन महान “महिला फैरो” के शासनकाल को मिटाने
का प्रयास किया गया था| परन्तु, कुछ मेहनती और विद्वान पुरातत्त्ववेत्ताओं और
इतिहासकारों की मेहनत के परिणामस्वरुप सम्पूर्ण दुनियाँ को “प्राचीन मिस्त्र” की
इन महान शासिकाओं के बारे में पता चला| और आजतक प्राचीन मिस्त्र के इस विषय पर अध्ययन,
अन्वेषण और वाद-विवाद प्रारम्भ हैं| इनमें से कुछ प्रमुख “महिला फैरो” थीं-
“हात्सेप्सुत”, “नेफेर्तेरी”, “नेफेर्तिती”, “क्लेओपेट्रा”, आदि|
प्रत्येक व्यक्ति का कोई न कोई प्रेरणास्त्रोत होता
है| इतिहास विषय के क्षेत्र में मेरे प्रेरणास्त्रोत ट्रैवलर, एड्वेंचर्र एवं आर्कियोलोजिस्ट
“जोश गेट्स” हैं| मेरे मष्तिक्ष में “प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता” के अध्ययन और R&D
के प्रति जिज्ञासा और उत्सुकता तब और तीव्र हो गयी, जब मेने “डिस्कवरी इण्डिया”
चैनल पर प्रसारित होने वाले “जोश गेट्स” के डॉक्युमेंट्री शो “एक्सपेडिशन अननोन” की
उस श्रृंखला को देखा, जिसमें उन्होंने प्राचीन मिस्त्र की प्रमुख शक्तिशाली महिला शासिकाओं के विषय में बताया था|
“जोश गेट्स” के द्वारा “प्राचीन मिस्त्र” पर शासन
करने वाली “महिला फैरो” के ऊपर बनाई गयी इस सीरीज ने “प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता”
से सम्बन्धित R&D और अध्ययन कार्य करने की मेरी उत्सुकता और जिज्ञासा को और अधिक
बढ़ा दिया| अब मेने निश्चय कर लिया था कि मैं इस विषय को अपने एक महत्तवपूर्ण
प्रोजेक्ट के रूप में लूँगा और इसपर करी गयी R&D और अध्ययन कार्य को पुस्तक के
रूप में सबके सामने प्रस्तुत करूँगा|
इसके बाद मेने इस महानतम प्राचीन सभ्यता से
सम्बन्धित अध्ययन सामग्री एवं संसाधनों को अपने आस-पास और गूगल की सहायता से खोजना
प्रारम्भ कर दिया और अपनी स्वयं की R&D और अध्ययन कार्य प्रारम्भ किया| मेने
प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता से सम्बन्धित कई पुस्तकों, अध्ययन सामग्री एवं ऐतिहासिक
स्त्रोतों का अध्ययन प्रारम्भ कर दिया| मेने इस सभ्यता से सम्बन्धित महत्तवपूर्ण
विषयों के हस्तलिखित नोट्स भी बनाये|
प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता से सम्बन्धित R&D एवं
अध्ययन कार्य के दौरान मेने अपने देश भारत स्थित “इजिप्शियन आर्कियोलोजी” से
सम्बन्धित स्थानों, संग्रहालयों, आदि का भ्रमण किया| और “प्राचीन मिस्त्र की
सभ्यता” के अध्ययन कार्य से जुड़े कई लोगों से भी इस प्राचीन सभ्यता से सम्बन्धित
काफी सारी महत्तवपूर्ण जानकारियां प्राप्त की| जिन्हें मेने अपनी R&D में
सम्मिलित किया|
मेने बच्चों के लिए “प्राचीन विश्व की प्रमुख नदी
घाटी सभ्यताएं” नामक एक ebook भी लिखी है| जिसे मेने amazon.in पर प्रकाशित किया
है| जिसे आप आसानी से अपने amazon.in के पेज पर जाकर मेरी पुस्तक के नाम अथवा मेरे
नाम से सर्च करके आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और अपने kindle पर पढ़ सकते हैं| इसके
साथ ही आप मेरी पुस्तक को अपने mobile, tablet, desktop pc / laptop, आदि डिवाइसेस
पर kindle app की सहायता से आसानी से पढ़ सकते हैं| मेरी इस ebook को बच्चों के
साथ-साथ बड़े-बूड़े प्रत्येक आयुवर्ग के व्यक्ति पढ़ सकते हैं| अपनी इस प्रथम पुस्तक
में मेने “सिन्धु घाटी सभ्यता” / “हड़प्पा सभ्यता”, “मेसोपोटामिया की सभ्यता” और “प्राचीन
मिस्त्र की सभ्यता” पर आधारित लेख लिखे हैं| जिसमें मेने “प्राचीन मिस्त्र की
सभ्यता” पर किये गए अध्ययन कार्य एवं R&D के भी कुछ महत्तवपूर्ण तथ्य सम्मिलित
किये हैं|
इसके अतिरिक्त, यदि आप मेरे ब्लॉग के माध्यम से “प्राचीन
मिस्त्र की सभ्यता” के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं| तो आइये मेरे
साथ! “प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता” के अनोखे सफ़र पर| दोस्तों, “प्राचीन मिस्त्र की
सभ्यता” पर आधारित यह श्रृंखला, कुछ लेखों के रूप में होगी| जिनमें हम एक-एक करके “प्राचीन
मिस्त्र की सभ्यता” से सम्बन्धित विभिन्न विषयों का अध्ययन करेंगे| जिसमें से कुछ
प्रमुख तथ्य निम्नलिखित हैं:
à मिस्त्र नील नदी का उपहार
à प्राचीन मिस्त्र पर शासन करने वाले
शासक अर्थात् “फैरो”
à प्राचीन मिस्त्र पर सर्वाधिक शासन करने
वाली महिला शासिकायें अर्थात् “महिला फैरो”
à प्राचीन मिस्त्र के फैरो के द्वारा
बनवाये गए पिरामिड एवं मकबरे आदि
à प्राचीन मिस्त्र की संस्कृति एवं
रीति-रिवाज़
à प्राचीन मिस्त्र के देवी-देवता
à आफ्टर लाइफ एवं ममीकरण आदि
तो दोस्तों, जल्द मिलते हैं! “प्राचीन मिस्त्र की
सभ्यता” की श्रृंखला के प्रथम लेख के साथ| जोकि 16-17 अगस्त, 2020 को मेरी ब्लॉगर
वेबसाइट पर प्रकाशित होगा| तो दोस्तों, यदि आपने अभी तक मेरे ब्लोग्स को
सब्सक्राइब नहीं किया है, तो कृपया पेज के ऊपर दिए गए “Enter your email address”
में अपनी ईमेल आईडी के द्वारा मेरे ब्लोग्स को सब्सक्राइब करें| जिससे आपको “प्राचीन
मिस्त्र की सभ्यता” की श्रृंखला से सम्बन्धित प्रत्येक लेख एवं मेरी ब्लॉगर
वेबसाइट पर प्रकाशित होने वाले अन्य लेखो की जानकारी नोटिफिकेशन के माध्यम से सबसे
पहले प्राप्त हो सके| और यदि आपके कुछ सुझाव हों अथवा आप कुछ विचार प्रकट करना
चाहते हों, तो कृपया कमेंट्स के माध्यम से अपने सुझाव व्यक्त कर सकते हैं|
इसी के साथ “प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता” की श्रृंखला
की घोषणा सम्बन्धी इस लेख को यहीं समाप्त करते हैं| और 16-17 अगस्त, 2020 को मिलते
हैं, “प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता” के प्रथम लेख के साथ| तब तक के लिए खुश रहिये,
स्वस्थ रहिये, सुरक्षित रहिये और पढ़ते रहिये|
My book Pracheen Vishva Ki Pramukh Nadi Ghati Sabhaytayein/प्राचीन विश्व की प्रमुख नदी घाटी सभ्यताएं (Hindi Edition) Kindle Edition
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प्राचीन मिस्त्र की श्रृंखला
प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता [भाग-1]
प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता [भाग-2]
प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता [भाग-3]
प्राचीन मिस्त्र की सभ्यता [भाग-4]
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