Must Read Book: Rusty Chala London Ki Ore By Ruskin Bond

Title: Rusty Chala London Ki Ore
Author: Ruskin Bond
No. of pages: 128 pages
Language: Hindi
Book format: Paperback/Kindle
Publisher: Rajpal & Sons

Price
Paperback-hindi (amazon.in): ₹ 185.00
Paperback-english (amazon.in): ₹ 180.00
Kindle edition-hindi (amazon.in): ₹ 175.75
Kindle edition-english (amazon.in): ₹ 171.00


About the Book
बीस साल की उम्र पार करते ही रस्टी देहरा छोड़कर लंदन चला जाता है। उसके मन में सपना है वहाँ जाकर एक लेखक बनने का। दिन में वह क्लर्क की नौकरी करता है और देर रात जागकर लिखता है। तीन साल वहाँ बिताने के बावजूद, रस्टी को लंदन रास नहीं आता। उसके मन में, यादों में अब भी बसा है भारत और देहरा, जहाँ उसने अपना बचपन बिताया था। आखिरकार वह देहरा वापिस आ जाता है और फिर वहीं रहता है। लंदन में रस्टी के साथ अनेक मज़ेदार किस्से होते हैं जो इस किताब में सम्मिलित हैं। रस्किन बॉन्ड भारत के अत्यन्त लोकप्रिय लेखक हैं। लोकप्रिय पात्र, रस्टी, की कहानियों की शृंखला में रस्किन बॉन्ड की यह चौथी किताब है। ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं – रूम ऑन द रूफ़, वे आवारा दिन, एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली, दिल्ली अब दूर नहीं, उड़ान, पैन्थर्स मून, अंधेरे में एक चेहरा, अजब-गज़ब मेरी दुनिया, मुट्ठी भर यादें, रसिया, रस्टी और चीता, रस्टी की घर वापसी और रस्टी जब भाग गया|

About the Author
रस्किन बांड का जन्म 1934 में कसौली में हुआ था| उनका पालन-पोषण जामनगर, देहरादून, नयी दिल्ली और शिमला में हुआ| युवावस्था में उन्होंने कुछ वर्ष लन्दन में व्यतीत किये, परन्तु वहाँ पर उनका मन नहीं लगने के कारण वह वर्ष 1955 में भारत वापस लौट आये| उनके प्रथम उपन्यास “द रूम ऑन द रूफ” के लिए उन्हें “जॉन लेवेलीन राइस” पुरस्कार प्रदान किया गया| यह पुरस्कार कॉमनवेल्थ के 30 वर्ष से कम आयु के साहित्यकार को उसकी उत्कृष्ट साहित्यिक कृति के लिए प्रदान किया जाता है|

अब तक उनकी 35 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं| उनकी कई पुस्तकों का हिन्दी में भी अनुवाद किया जा चुका है| रस्किन बांड मसूरी के पास स्थित लैंडोर में रहते हैं| उनका पूर्ण समय लेखन को समर्पित है| उन्हें वर्ष 1993 में “साहित्य अकादमी पुरस्कार”, वर्ष 1999 में “पदमश्री” और वर्ष 2014 में “पदमभूषण” से सम्मानित किया गया|

दोस्तों, आशा करता हूँ कि आप सभी पाठकों को मेरे द्वारा इस लेख में प्रस्तुत रस्किन बांड की पुस्तक “रस्टी चला लन्दन की ओर” की पुस्तक समीक्षा अर्थात Book Review अवश्य पसन्द आई होगी| यह पुस्तक रस्किन बांड के द्वारा लिखित उनकी उत्कृष्ट रचनाओं में से एक है| जिसे आपको एक बार अवश्य पढना चाहिए| रस्किन बांड की पुस्तकों में एक खास बात उनकी सरल भाषा-शैली है, जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से पढ़ सकता है|

यदि आप भी रस्किन बांड द्वारा लिखित इस उत्कष्ट पुस्तक को पढना चाहते हैं, तो मेने आपके लिए इस लेख के अन्त में इस पुस्तक को खरीदने के लिए amazon.in के लिंक दे दिए हैं| यह पुस्तक हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओँ में उपलब्ध है और साथ ही आप अपनी आवश्यकतानुसार इस पुस्तक को नीचे दिए गए लिंक्स की सहायता से Paperback और Kindle / ebook दोनों में से किसी भी फॉर्मेट में प्राप्त कर सकते हैं|

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